lyrics shiv chalisa Fundamentals Explained

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

बुरी आदतें बाद मे और बड़ी हो जाती हैं - प्रेरक कहानी

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

शरच्चन्द्रगात्रं गुणानन्द पात्रं त्रिनेत्रं पवित्रं धनेशस्य मित्रम् ।

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा जितनी की जाए उतनी ही कम है भगवान शिव की कृपा भी सबसे अधिक मानी जाती है क्योंकि जो व्यक्ति read more शिव भगवान की पूजा करता है और भगवान शिव अगर उस पर प्रसन्न होते हैं तो उस पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं तथा उनकी प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

कपालं त्रिशूलं कराभ्यां दधानं पदाम्भोजनम्राय कामं ददानम् ।

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